Ganesha Bhajan Lyrics

 Art of Living - Sri Sri Academy

वक्रतुण्ड महाकाय

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभा
निर्विघ्नं कुरुमेदेवा सर्वकार्येषु सर्वदा
गुरवे सर्व लोकानाम भिसाजे भव रोगिनाम्
ओम नमः प्रणवार्ताय शुद्धं ज्ञानके मोतये
निधये सर्व विद्यां दक्षिणामूर्तये नमः
ईश्वरो गुरु अत्मिति मूरति भेदा विभागिनी
N निर्माल्य प्रशांताय दक्षिणाय नमः नमः
व्योमवत् व्यप्त देह्या दक्षिणा मोर्तये नमः



गणेश स्तोत्रम्

 ओम ...

अजाम निर्विकल्पम् निरकरमेकम्

निरानन्दमानंदमाद्वैता पूरनम्
परम निर्गुणम् निर्वशाम् निरिहम्
परब्रह्म रूपम् गणेशम् भजेम्
चिदाभासं सर्वगम ज्ञानं गमयम्
गुणातीत मनम चिदानंद रूपम
मुनिठ्यमाकाश रूपम परशम
सुरादिम सुखादिम गुनेशम गणेशम्
परब्रह्म रूपम् गणेशम् भजेम्
जगत करणम करण ज्ञान रूपम
परब्रह्म रूपम् गणेशम् भजेम्
जगत व्यापीनां विश्ववंद्यम् सुरेशम्


गणेश शरणम्

गणेश शरणम् शरणम् गणेश (3)
सिद्धिविनायक शरणम् गणेश
बुद्धिप्रदायका शरणम् गणेश
मंगला मूरति शरणम् गणेश 
गणेश शरणम् शरणम् गणेश 



 

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